जयपुर। कोरोना से बचाव हेतु प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग राजस्थान जयपुर ब द्वारा आज पिंकसिटी प्रेस क्लब पर आयुर्वेद काढ़े का वितरण किया गया। काढ़ा के पैकटों का वितरण विभाग के चिकित्सको द्वारा किया गया। प्रेस क्लब में पत्रकार साथियों ने स्वयं और अपने परिवार जनो के लिए काढ़े के पैकिट प्राप्त किए। काढ़े के वितरण का आयोजन विहिप के प्रांत प्रचार प्रमुख अभिषेक सिंह द्वारा किया गया।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं आयुर्वेद विभाग राजस्थान द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग जयपुर ब द्वारा क़वारन्टीन सेंटर्स में भर्ती केसेज पर आयुर्वेद औषधियों यथा वातश्लेष्मिकज्वर हर क्वाथ, अश्वगंधा चूर्ण या अश्वगंधा घनसत्व कैप्सूल, गिलोय घन वटी का 'कोरोना से बचाव एवं रोकथाम में आयुर्वेद औषधियों की प्रभाविता' विषय पर डाटाबेस अध्ययन किया जा रहा है।
उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग जयपुर ब डॉ. सुशील दत्त शर्मा ने बताया कि पूर्णिमा इंस्टिट्यूट, जेईसीआरसी, मणिपाल विश्वविद्यालय एवं सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजिनीयरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी (सिपेट) में केसेज को अलग से स्क्रीन करके उन पर विशेष पायलेट स्टडी की जा रही है। क्वाथ का निर्माण राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय प्रताप नगर जयपुर में पूर्ण शास्त्रीय विधि द्वारा सुबह 3 से 4 घंटे में और शाम को पुनः लगभग 3 से 4 घंटे में अलग अलग तैयार किया जाता है। क्वाथ निर्माण के उपरांत इसको तुरंत लेकर सभी सेंटर्स तक शीघ्र पहुंचाया जाता है ताकि यह ताजे और गुनगुने स्वरूप में सभी भर्ती केसेज तक पहुंचाया जा सके।
स्टडी कॉर्डिनेट कर रहे डॉ. गजेंन्द्र शर्मा ने क्लिनिकल स्टडी के बारे में बताया कि क़वारन्टीन सेंटर्स पर सभी केसेज को उनकी पूर्व रोग हिस्ट्री, आयु, एवं वर्तमान शारीरिक स्थिति के अनुसार निर्धारित मात्रा में क्वाथ एवं अन्य औषधियां उपलब्ध करवाई जा रही है। जिसके बाद इन केसेज के बताए फीडबैक के अनुसार ही डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि क्वारंटाइन सेंटर्स पर आयुर्वेद औषधियों के उक्त वितरण के पश्चात पॉजिटिव केसेज की संख्या में कमी आ रही है और अन्य बीमारियों जैसे डाइबिटीज, श्वास, कास, प्रतिश्याय, शोथ जैसी बीमारियों में भी अप्रत्याशित लाभ मिल रहा है।
इस सम्पूर्ण क्लीनिकल ट्रायल के लिए क्वाथ और औषधि निर्माण करवा रहे सहायक निदेशक डॉ रमेशचंद्र के अनुसार जयपुर में संचालित अन्य शेष क़वारन्टीन सेंटर्स पर भी इस डाटाबेस स्टडी को शीघ्र ही प्रारम्भ किया जाएगा। जिससे और अच्छे परिणामों की प्राप्ति हो सकेगी।